युवाओं के लिए कार्यशालाओं का आयोजन, फिल्म निर्माण को मिलेगा बढ़ावा
अब OTT पर चमकेगा उत्तराखंड का क्षेत्रीय सिनेमा
देहरादून: उत्तराखंड की क्षेत्रीय फिल्में अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई देंगी, जिससे न सिर्फ राज्य के कलाकारों को मंच मिलेगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगी। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद (UFDC) ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बंशीधर तिवारी ने यह जानकारी फिल्मिंग इकोसिस्टम के विकास पर आयोजित कार्यशाला में दी।
नीतिगत सुधार और फिल्म फेस्टिवल की तैयारी
कार्यशाला का आयोजन नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC) और यूएफडीसी के संयुक्त प्रयास से हुआ। तिवारी ने बताया कि उत्तराखंड को फिल्म निर्माण हब बनाने के लिए नीतिगत सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास और प्रतिभा संवर्धन पर काम किया जा रहा है।
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जल्द ही राज्य का अपना फिल्म फेस्टिवल और उत्तराखंड राज्य फिल्म पुरस्कार शुरू किए जाएंगे। इसके लिए एक समर्पित पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है, जहां फिल्म निर्माण से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होंगी।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने की रणनीति तैयार
तिवारी ने बताया कि क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को प्रसार भारती के वेव्स ओटीटी से जोड़ा जाएगा। इससे उत्तराखंड के स्थानीय फिल्मकारों को बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंचने का मौका मिलेगा।
अब तक 20 से 25 गुणवत्तापूर्ण क्षेत्रीय फिल्में इस नई नीति के अंतर्गत बन चुकी हैं, और सब्सिडी की राशि बढ़ाकर ₹2 करोड़ तक कर दी गई है।
स्थानीय युवाओं के लिए कार्यशालाएं और प्रशिक्षण
स्थानीय युवाओं को फिल्म निर्माण में रोजगार देने के लिए नियमित रूप से कौशल विकास कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानिक प्रतिभाओं को भी मंच मिलेगा।
सूचना प्रसारण मंत्रालय की निदेशक शिल्पा राव ने बताया कि इंडियन सिने हब का एकीकृत पोर्टल फिल्म निर्माताओं के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन के रूप में काम करेगा। इससे शूटिंग, परमिट, लोकेशन और अन्य सुविधाएं एक ही जगह से सुलभ होंगी।
कार्यशाला में शामिल हुए कई फिल्म विशेषज्ञ
इस कार्यशाला में यूएफडीसी के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय, एनएफडीसी के महाप्रबंधक अजय ढोके, इंडिया सिने हब के वाइस प्रेसीडेंट रामकुमार विजयन, फिल्म बाजार के मैनेजर मयूर पटेल, और अंतरराष्ट्रीय प्रचार सलाहकार नचिकेत शिरोलकर जैसे विशेषज्ञ शामिल हुए।
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उत्तराखंड की फिल्म नीति और ओटीटी रणनीति अब स्थानीय सिनेमा को रोजगार, पहचान और वैश्विक मंच प्रदान करेगी। यह कदम न सिर्फ फिल्म उद्योग को गति देगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और पर्यटन को भी नया जीवन देगा।